संकल्प करने से कोई हल नहीं निकलेगा, स्वयं को मज़बूत किरदार बनाओ,ढाल नहीं तलवार बनाओ,जो दृष्टि उठे तुमपर बदनीयती से, उसे भस्म कर दो स्वयं को ऐसा अंगार बनाओ, मददगार की प्रतीक्षा करने से बेहतर है तुम स्वयं का व्यक्तित्व धारदार बनाओ..। ---- जी नमस्ते, आपकी लिखी रचना शुक्रवार २९ सितंबर २०२३ के लिए साझा की गयी है पांच लिंकों का आनंद पर... आप भी सादर आमंत्रित हैं। सादर धन्यवाद।
संकल्प करने से कोई हल नहीं निकलेगा, स्वयं को मज़बूत किरदार बनाओ,ढाल नहीं तलवार बनाओ,जो दृष्टि उठे तुमपर बदनीयती से, उसे भस्म कर दो स्वयं को ऐसा अंगार बनाओ, मददगार की प्रतीक्षा करने से बेहतर है तुम स्वयं का व्यक्तित्व धारदार बनाओ..।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २९ सितंबर २०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएं🙏
जवाब देंहटाएंमार्मिक
जवाब देंहटाएंमार्मिक अभिव्यक्ति
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