आज भी.……
तुम्हारा चेहरा ,
खिलखिलाता सा,
चहकता सा,
मेरे नयनों में बसा है।
वह तुम्हारी बातें ,
जो कभी हंसाती ,
कभी रुलाती ,
मेरे कर्णों में गूंजती हैं।
तुम्हारे स्पर्श के ,
एहसास की ,
भीनी - भीनी खुशबू ,
मेरे मन को महकाती है।
स्मृतियों की वर्षा ,
पूर्णतयः सरोबार कर,
तुम्हारी याद दिलाती है।
स्वपन है , यह तो केवल,
परन्तु सच होने की उम्मीद में ,
आज भी……
मेरे हृदय में तुम्हारी छवि समाई हुई है।
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आभार है मेरा