कैलाश के विहारी ,
समग्र दुनिया तुमको प्यारी,
तुझे कोटि - कोटि प्रणाम,
तुम ही देते अनाम को नाम।
सर्पमाला से सुसज्जित,
करते सब का हित,
तुझे कोटि - कोटि प्रणाम,
तुम में समाये चारों धाम।
चन्द्रमा को मान दिया,
ललाट पर स्थान दिया,
तुझे कोटि - कोटि प्रणाम,
तुम में समाये चारों धाम।
हस्त में त्रिशूल है,
तुझ में सभी मंत्रो का मूल है,
तुझे कोटि - कोटि प्रणाम,
जग में केवल सच्चा है शिव का नाम ।
Jay mahakal
जवाब देंहटाएं