वृन्दावन की गलियों में,
रंग- बिरंगी कलियों में,
गूंजे तुम्हारी बांसुरी,
हे! कान्हा तुम्हारे नाम की मैं बाँवरी।
होली यह जो आई है,
रंगों की फुहार लाई है,
तेरे रंग में रंगने को,
हे! कान्हा मन में लगन समाई है।
रंग- बिरंगी कलियों में,
गूंजे तुम्हारी बांसुरी,
हे! कान्हा तुम्हारे नाम की मैं बाँवरी।
होली यह जो आई है,
रंगों की फुहार लाई है,
तेरे रंग में रंगने को,
हे! कान्हा मन में लगन समाई है।
हर रंग में सुर तुम्हारा समाया है,
कठिन वक्त में तुमने ही तो दिया सहारा है,
होली के लाल गुलाल सा,
हे! कान्हा तेरा रूप है विशाल सा।
आज रंग जाऊंगी रंगो में,
छनकती हुई तरंगो में,
हर बुराई मिट जाएगी,
हे! कान्हा यह दुनिया तेरे रंग में निखर जाएगी।
May the world get blessed with the colour of goodness and purity :-)
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