सूर्य सृष्ष्टि का है आधार,
सर्वस्व जीवन पर है इसका आभार।
सूर्य का सम्पूर्ण प्रकाश,
ज्यों हर प्राणी का श्वांस,
स्वचलित, स्वतंत्र , प्रगतिमान।
सौर्यमण्डल का आभूषण,
अपनी आभा बिखेरता प्रतिक्षण,
जीवन ऊर्जा का स्त्रोत , हर कण -कण।
नमन तुझे हे !,जीवन दाता,
इस संसार के तुम्हीं हो विधाता।
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आभार है मेरा