कभी जो जपते थे राम -नाम
आज मानते हैं किसी ओर को
अपना भगवान
भारत-भूमि को सहना पड़ा कितना कुछ
इसके मूल धर्म को परिवर्तित कर
बना दिया ओर कुछ
परन्तु यह सदैव स्मरण रखना
भारतवर्ष के मूल निवासी
होंगे सदा ही भारतीय
चाहे किसी को भी मानो अपना ईश्वर
करो अपनी प्रार्थना व्यक्त
परन्तु तुम्हारी धमनियों में प्रवाह होगा
केवल श्री राम-रक्त
जय श्री राम।
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आभार है मेरा