गर्व है अपने पूर्वजों पर
उनके
धर्म रक्षण पर
सनातन से विमुख हुए नहीं जो
किसी ओर संप्रदाय के हुए
नहीं जो
किया
नहीं स्वधर्म त्याग
संजो रखे धार्मिक संस्कार
चाहे झेली कितनी विपत्ति
आस्था अडिग रही सनातन प्रति
छिन्न-भिन्न होने न दिया अपना धर्म-सम्मान
ऐसे
पूर्वजों को कोटि- कोटि नतमस्तक प्रणाम II
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 19 नवम्बर 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, प्रोत्साहन के लिए।
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
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