मेरी और तुम्हारी कहानी,
एक दिन यह ज़माना पढ़ेगा,
और ना जाने कितनी
कवितायें गढ़ेगा l
हर छन्द में,
नाम होगा मेरा और तुम्हारा,
किसी ना किसी टूटे स्वप्न का,
होगा यह सहारा l
बहती भावों की माला,
सेहलायेगी और,
बुझायेगी पीड़ित हृदय की ज्वाला l
मेरी और तुम्हारी कहानी,
कुछ अनसुनी और कुछ सुनी,
स्नेह की धारा l
सुन्दर पंक्तियाँ......👍
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