02 सितंबर 2018

सितम्बर


देखो - देखो आया सितम्बर,
झूमे धरा,गाये अम्बर।

बरखा के मोती सजाएंमधुर स्वर,
नाचे तितलियाँ और पक्षी, फैलाये पर।

हर दिन होगा निराला इसका,
फूल -क्यारी कहेंगी सुन्दर किस्सा।

हरियाली की हरित उपमा,
बिखरती मोहक समां,
और इसी सुंदरता में समस्त संसार रमा।

देखो - देखो आया सितम्बर,
झूमे धरा,गाये अम्बर।

2 टिप्‍पणियां:

आभार है मेरा