30 सितंबर 2014

हे ! शक्ति


 

1 टिप्पणी:

  1. स्फूर्ति से प्राण भर ,
    सब कष्ट दूर कर।
    भयावह यह संसार है ,
    तुझमें प्यार अपार है।
    सींच मुझे स्नेह से,
    दृढ़ता का वरदान दे। bahut sundar ...

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आभार है मेरा