24 फ़रवरी 2021

कैसी यह राहें

 उन रास्तों पर जब हम एक साथ चले थे...... 

तुम्हारी बातों में मेरी हर बात मिली थी,
तुम्हारे श्वासों में, मेरा हर श्वांस घुला था,
पिघल कर मोम की तरह तुम्हारी बाँहों में,
मेरी उस शाम का सूरज उगा था। 


हाँ, उन रास्तों पर हम दोनों ने,
शायद एक पल में अपनी सारी जिंदगी एक साथ जी ली थी। 

 



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आभार है मेरा