16 मई 2013

नमन

आज तुम्हारी बाँहों में बिखर जाऊँ ,
पिरो लो मुझे इन  गीतों में,
शायद कुछ संवर जाऊं l

अमलताश के फूलों में,
गुलमोहर के झूलों में ,
कुछ मीठी भूलों में,तुम ही तो हो l

भिगोती है तुम्हारी चाहत,
मुझे हर पल पल,
तुमसे ही तो बहता  है मेरा जीवन कल कल l

उम्मीद से सजी है दुनिया मेरी ,
तुम्हारी ही कल्पनाओं से,
नमन है तुम्हें मेरा, इन् कविताओं से l




9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 27 जुलाई 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. मॉडरेशन हटािए
    कृपया
    सादर

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  3. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 29 जुलाई 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  4. समर्पण का भाव लिए बेहतरीन अभिव्यक्ति

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  5. वाह बहुत सुंदर बढ़िया प्रेमिल अभिव्यक्ति। हार्दिक शुभकामनाएं वंदना जी 🙏🌷🌷💐🌷

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  6. वाह बहुत सुन्दर काव्य

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  7. वाह बहुत सुन्दर काव्य

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  8. वाह!!!
    बहुत सु्न्दर मनमोहक।

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आभार है मेरा