01 जुलाई 2013

मेरी परी : मेरी बिटिया

  खेल रही थी आकाश में ,
और कभी मेरे एहसास में ,
छन् के आ गयी मेरी बाहों में,
मेरी प्यारी परी  l 

तुम्हारी मुस्कान की आहट ,
है  मेरे जीवन की छन - छनाहट ,
कभी चाँद पर डोलती और कभी इन्द्रधनुष पर ,
मेरी प्यारी परी  l 

टिमटिमाती आँखों में,सपने कई सजे हैं,
छोटे छोटे हाथों में , अनमोल रतन छुपे हैं ,
सवार लूँ खुद को तुमसे,
मेरी प्यारी परी  l 

आओ चलें उस पार,
अनोखी  दुनिया में,
जहाँ मैं सबसे छुपा लूँ   तुम्हें ,
मेरी प्यारी परी  l