इन पहाड़ों से मेरा कुछ अनोखा नाता है ,
इन्हीं का साथ मुझे हर दम सुहाता है।
अडिग, अखंड, पहाड़ों की छवि मन में उकेरित है ,
न जाने कितने मेरे स्वपन इन पहाड़ों से प्रेरित हैं।
पहाड़ी धुन का राग मन गुनगुनाता है ,
पहाड़ों की सुंदरता में ही जीवन समाता है।
अथाह कल्पनायें पनपती इन वादियों में ,
ज्यूँ मद्धम - मद्धम धूप खिले सर्द जाड़ों में।
पहाड़ बुलाते हैं मुझे हर क्षण ,
ऐसा प्रतीत होता है ,
शायद कुछ मरण - जन्म का इनसे समझोता है।