हूँ तो तुम्हारी भक्तिन,
पर तुम्हारी शक्ति बनना चाहती हूँ।
हूँ तो तुम्हारी चरण धुलि ,
पर तुम्हें माथे लगाना चाहती हूँ।
हूँ तो मुरझाई कली सी,
पर फूल बन तुम्हारी राहों में बिखरना चाहती हूँ।
हूँ तो ओंस की बूँद भर ,
पर सावन बन तुम पर बरसना चाहती हूँ।