तुम समझ पाओगे? और यदि समझ गए तो, क्या उसे पुष्प की तरह सहलाओगे?
मेरे अन्तःमन की वेदना, क्या तुम पढ़ सकते हो? और यदि पढ़ सकेतो, इसे कोई मधुर गीत सुनाओगे? क्या इसकोलाहलके, तुम तक तारपहुंचते हैं? और यदि पहुंच गए तो, क्या प्रशांत बन,उसको शांत करवाओगे ? यही कुछ प्रश्न हैं मेरे, क्या इनका उत्तर, तुम मुझको दे पाओगे?