24 मई 2013

मेरे सपनों की दुनिया

मेरे सपनों की दुनिया,
है हकीकत से परे ये दुनिया l 

कहीं है फूलों की खुशबू 
कहीं है मधु की महक l 
कहीं है भवरों का गुंजन,
कहीं है चिड़यों  की चहक  l 
कभी तुम्हारा  हाथ है मेरे हाथ में,
कभी मेरा हाथ है तुम्हारे सिराहने l 
कभी तुम कविता लिख रहे हो ,
कभी तुम  गुनगुना रहे हो l 


मेरे सपनों की दुनिया,
है हकीकत से  परे  ये दुनिया l 

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर रचना वंदना...
    बस यहाँ परी को परे कर दो.."है हकीकत से परी ये दुनिया"

    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं

आभार है मेरा